मोहम्मद इक़बाल कविताएँ
ख़ुदी में डूबने वालों
ख़ुदी में डूबने वालों जहाने-ताज़ा की अफ़कारे-ताज़ा से है नमूद कि संगो-ख़िश्त से होते नहीं जहाँ पैदा ख़ुदी में डूबने वालों के अज़्मो-हिम्मत ने…
तराना-ए-हिन्दी (सारे
तराना-ए-हिन्दी (सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोसिताँ हमारा) उर्दू में लिखी गई देशभक्ति रचनाओं में शायद सबसे अधिक प्रसिद्ध यह रचना अल्लामा इक़बाल साहब ने बच्चों…
फिर चराग़े-लाला से रौशन
फिर चराग़े-लाला से रौशन हुए कोहो-दमन फिर चराग़े-लाला से रौशन हुए कोहो-दमन मुझको फिर नग़्मों पे उकसाने लगा मुर्ग़े-चमन फूल हैं सहरा में या परियाँ…
वहीं मेरी कम-नसीबी वही तेरी बे-नियाज़ी
वहीं मेरी कम-नसीबी वही तेरी बे-नियाज़ी वहीं मेरी कम-नसीबी वही तेरी बे-नियाज़ी मेरे काम कुछ न आया ये कमाल-ए-नै-नवाज़ी मैं कहाँ हूँ तू कहाँ है…
अजब वाइज़ की दींदारी है या रब
अजब वाइज़ की दींदारी है या रब अजब वाइज़ की दीन-दारी है या रब अदावत है इसे सारे जहाँ से कोई अब तक न ये…
गुलज़ार-ए-हस्त-ओ-बू न बेगानावार देख
गुलज़ार-ए-हस्त-ओ-बू न बेगानावार देख गुलज़ार-ए-हस्त-ओ-बू न बेगानावार देख है देखने की चीज़ इसे बार बार देख आया है तो जहाँ में मिसाल-ए-शरर देख दम दे…
तिरे इश्क की इंतहा चाहता हूँ
तिरे इश्क की इंतहा चाहता हूँ तिरे इश्क़ की इंतहा चाहता हूँ मिरी सादगी देख, क्या चाहता हूँ सितम हो कि हो वादा-ए-बेहिजाबी कोई बात…
परेशाँ हो के मेरी ख़ाक आख़िर दिल न बन जाए
परेशाँ हो के मेरी ख़ाक आख़िर दिल न बन जाए परेशाँ हो के मेरी ख़ाक आख़िर दिल न बन जाए जो मुश्किल अब है या…
लेकिन मुझे पैदा किया उस
लेकिन मुझे पैदा किया उस देस में तूने इक वलवला-ए-ताज़ा दिया मैंने दिलों को लाहौर से ता-ख़ाके-बुख़ारा-ओ-समरक़ंद लेकिन मुझे पैदा किया उस देस में तूने…
अनोखी वज़्अ है सारे ज़माने से निराले हैं
अनोखी वज़्अ है सारे ज़माने से निराले हैं अनोखी वज़्अ है सारे ज़माने से निराले हैं ये आशिक़ कौन-सी बस्ती के यारब रहने वाले हैं इलाजे-दर्द…
गुलज़ारे-हस्ती-बूद न बेगानावार देख
गुलज़ारे-हस्ती-बूद न बेगानावार देख गुलज़ारे-हस्ती-बूद न बेगानावार देख है देखने की चीज़, इसे बार-बार देख आया है तू जहाँ में मिसाले-शरार देख दम दे न…
तू ऐ असीर-ए-मकाँ ला-मकाँ से दूर नहीं
तू ऐ असीर-ए-मकाँ ला-मकाँ से दूर नहीं तू ऐ असीर-ए-मकाँ ला-मकाँ से दूर नहीं वो जलवा-गाह तेरे ख़ाक-दाँ से दूर नहीं वो मर्ग़-ज़ार के बीम-ए-ख़िज़ाँ…
बच्चों की दुआ
बच्चों की दुआ लब पे’ आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी, ज़िन्दगी शमा की सूरत हो ख़ुदाया मेरी । दूर दुनिया का मेरे दम…
वो हर्फ़-ए-राज़ के मुझ को सिखा गया है जुनूँ
वो हर्फ़-ए-राज़ के मुझ को सिखा गया है जुनूँ वो हर्फ़-ए-राज़ के मुझ को सिखा गया है जुनूँ ख़ुदा मुझे नफ़स-ए-जिब्रईल दे तो कहूँ सितारा…
अपनी जौलाँ-गाह ज़ेर-ए-आसमाँ समझा
अपनी जौलाँ-गाह ज़ेर-ए-आसमाँ समझा अपनी जौलाँ-गाह ज़ेर-ए-आसमाँ समझा था मैं आब ओ गिल के खेल को अपना जहाँ समझा था मैं बे-हिजाबी से तेरी टूटा…
चमक तेरी अयाँ बिजली में आतिश में शरारे में
चमक तेरी अयाँ बिजली में आतिश में शरारे में चमक तेरी अयाँ बिजली में आतिशमें शरारेमें झलक तेरी हवेदाचाँद में सूरज में तारे में बुलन्दी आसमानों…
तू अभी रहगुज़र में है
तू अभी रहगुज़र में है तू अभी रहगुज़र में है क़ैद-ए-मकाम से गुज़र मिस्र-ओ-हिजाज़ से गुज़र, पारेस-ओ-शाम से गुज़र जिस का अमाल है बे-गरज़, उस…
मकतबों में कहीं रानाई-ए-अफ़कार भी है
मकतबों में कहीं रानाई-ए-अफ़कार भी है मकतबों में कहीं रानाई-ए-अफ़कार भी है ख़ानक़ाहों में कहीं लज़्ज़त-ए-असरार भी है मंज़िल-ए-रह-रवाँ दूर भी दुश्वार भी है कोई…
सख़्तियाँ करता हूँ दिल
सख़्तियाँ करता हूँ दिल पर ग़ैर से ग़ाफ़िल हूँ मैं सख़्तियाँ करता हूँ दिल पर ग़ैर से ग़ाफ़िल हूँ मैं हाय क्या अच्छी कही ज़ालिम…
आता है याद मुझ को गुज़रा हुआ ज़माना
आता है याद मुझ को गुज़रा हुआ ज़माना आता है याद मुझको गुज़रा हुआ ज़माना वो बाग़ की बहारें, वो सब का चह-चहाना आज़ादियाँ कहाँ…
गेसू-ए- ताबदार को और भी ताबदार कर
गेसू-ए- ताबदार को और भी ताबदार कर गेसू-ए- ताबदार को और भी ताबदार कर होश-ओ-ख़िराद शिकर कर क़ल्ब-ओ-नज़र शिकर कर तू है महीत-ए-बेकराँ मैं ज़रा…
तेरे इश्क़ की इन्तहा चाहता हूँ
तेरे इश्क़ की इन्तहा चाहता हूँ तेरे इश्क़ की इन्तहा चाहता हूँ मेरी सादगी देख क्या चाहता हूँ सितम हो कि हो वादा-ए-बेहिजाबी कोई बात…
मजनूँ ने शहर छोड़ा है सहरा भी छोड़ दे
मजनूँ ने शहर छोड़ा है सहरा भी छोड़ दे मजनूँ ने शहर छोड़ा है सहरा भी छोड़ दे नज़्ज़ारे की हवस हो तो लैला भी छोड़…
सच कह दूँ ऐ ब्रह्मन गर तू बुरा न माने
सच कह दूँ ऐ ब्रह्मन गर तू बुरा न माने सच कह दूँ ऐ ब्रह्मन गर तू बुरा न माने तेरे सनम कदों के बुत…
असर करे न करे सुन तो ले
असर करे न करे सुन तो ले मेरी फ़रियाद असर करे न करे सुन तो ले मेरी फ़रियाद नहीं है दाद का तालिब ये बंद-ए-आज़ाद…
चमने-ख़ार-ख़ार है दुनिया
चमने-ख़ार-ख़ार है दुनिया चमने-ख़ार-ख़ार है दुनिया ख़ूने-सद नौबहार है दुनिया जान लेती है जुस्तजू इसकी दौलते-ज़ेरे-मार है दुनिया ज़िन्दगी नाम रख दिया किसने मौत का इंतज़ार है…
दयारे-इश्क़ में अपना मुक़ाम पैदा कर
दयारे-इश्क़ में अपना मुक़ाम पैदा कर अपने पुत्र के लिए लंदन से भेजा गया उनका पहला ख़त दयारे-इश्क़ में अपना मुक़ाम पैदा कर नया ज़माना…
मता-ए-बे-बहा है दर्द-ओ-सोज़-ए-आरज़ू-मंदी
मता-ए-बे-बहा है दर्द-ओ-सोज़-ए-आरज़ू-मंदी मता-ए-बे-बहा है दर्द-ओ-सोज़-ए-आरज़ू-मंदी मक़ाम-ए-बंदगी दे कर न लूँ शान-ए-ख़ुदावंदी तेरे आज़ाद बंदों की न ये दुनिया न वो दुनिया यहाँ मरने की…
हकी़क़ते-हुस्न
हकी़क़ते-हुस्न ख़ुदा से हुस्न ने इक रोज़ ये सवाल किया जहाँ में क्यों ना मुझे तुने लाज़वाल किया। मिला जवाब के तस्वीरख़ाना है दुनिया शबे-दराज़…
आम मशरिक़ के मुसलमानों
आम मशरिक़ के मुसलमानों का दिल मगरिब में जा अटका है आम मशरिक़ के मुसलमानों का दिल मगरिब में जा अटका है वहाँ कुंतर सब…
जमहूरियत
जमहूरियत जमहूरियत इस राज़को इक मर्दे-फ़िरंगी ने किया फ़ाश हरचंद कि दानाइसे खोला नही करते जमहूरियतइक तर्ज़े-हुकूमतहै कि जिसमें बन्दों को गिना करते है तोला नहीं…
दिल सोज़ से ख़ाली है निगह पाक नहीं है
दिल सोज़ से ख़ाली है निगह पाक नहीं है दिल सोज़ से ख़ाली है निगह पाक नहीं है फिर इस में अजब क्या के तू…
मुहब्बत का जुनूँ बाक़ी नहीं है
मुहब्बत का जुनूँ बाक़ी नहीं है मोहब्बत क जुनूँ बाक़ी नहीं है मुसलमानों में ख़ून बाक़ी नहीं है सफ़ें कज, दिल परेशन, सज्दा बेज़ूक के…
हर मुक़ाम से आगे मुक़ाम
हर मुक़ाम से आगे मुक़ाम है तेरा ख़िर्द के पास ख़बर के सिवा कुछ और नहीं तेरा इलाज नज़र के सिवा कुछ और नहीं हर…
एक आरज़ू
एक आरज़ू दुनिया की महफ़िलों से उकता गया हूँ या-रब क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो शोरिश से भागता हूँ…
ज़मिस्तानी हवा में गरचे थी शमशीर की तेज़ी
ज़मिस्तानी हवा में गरचे थी शमशीर की तेज़ी ज़मिस्तानी हवा में गरचे थी शमशीर की तेज़ी न छूटे मुझ से लंदन में भी आदाब-ए-सहर-ख़ेज़ी कहीं…
न तख़्त ओ ताज में ने लश्कर ओ सिपाह
न तख़्त ओ ताज में ने लश्कर ओ सिपाह न तख़्त ओ ताज में ने लश्कर ओ सिपाह में है जो बात मर्द-ए-क़लंदर की बार-गाह…
मेरी नवा-ए-शौक़ से शोर हरीम-ए-ज़ात में
मेरी नवा-ए-शौक़ से शोर हरीम-ए-ज़ात में मेरी नवा-ए-शौक़ से शोर हरीम-ए-ज़ात में ग़ुलग़ुला-हा-ए-अल-अमाँ बुत-कदा-ए-सिफ़ात में हूर ओ फ़रिश्ता हैं असीर मेरे तख़य्युलात में मेरी निगाह…
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं सितारों के आगे जहाँ और भी हैं अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं तही ज़िन्दगी से नहीं ये फ़ज़ायें…
क्या कहूँ अपने चमन से मैं जुदा क्योंकर हुआ
क्या कहूँ अपने चमन से मैं जुदा क्योंकर हुआ क्या कहूँ अपने चमन से मैं जुदा क्योंकर हुआ और असीरे-हल्क़ा-ए-दामे-हवा क्योंकर हुआ जाए हैरत है बुरा…
ज़मीं-ओ-आसमाँ मुमकिन है
ज़मीं-ओ-आसमाँ मुमकिन है मुमकिन है के तु जिसको समझता है बहाराँ औरों की निगाहों में वो मौसम हो ख़िज़ाँ का है सिल-सिला एहवाल का हर…
न तू ज़मीं के लिए है न आसमाँ के लिए
न तू ज़मीं के लिए है न आसमाँ के लिए न तू ज़मीं के लिए है न आसमाँ के लिए जहाँ है तेरे लिए तू…
मेरा वतन वही है
मेरा वतन वही है चिश्ती ने जिस ज़मीं पे पैग़ामे हक़ सुनाया, नानक ने जिस चमन में बदहत का गीत गाया, तातारियों ने जिसको अपना…
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिस्ताँ हमारा ग़ुरबत में हों अगर हम, रहता…
कभी ऐ हक़ीक़त-ए- मुन्तज़र नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ में
कभी ऐ हक़ीक़त-ए- मुन्तज़र नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ में कभी ऐ हक़ीक़त-ए-मुन्तज़र! नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ में के हज़ारों सज्दे तड़प रहे हैं तेरी जबीन-ए-नियाज़ में तरब आशना-ए-ख़रोश हो…
जवाब-ए-शिकवा
जवाब-ए-शिकवा दिल से जो बात निकलती है असर रखती है । पर नहीं, ताकत-ए-परवाज़ मगर रखती है । क़दसी अलासल है, रफ़ात पे नज़र रखती…
नया शिवाला
नया शिवाला सच कह दूँ ऐ बिरहमन गर तू बुरा न माने तेरे सनमकदों के बुत हो गये पुराने अपनों से बैर रखना तू ने बुतों…
मुझे आहो-फ़ुगाने-नीमशब का
मुझे आहो-फ़ुगाने-नीमशब का मुझे आह-ओ-फ़ुग़ान-ए-नीम-शब का फिर पयाम आया थम ऐ रह-रौ के शायद फिर कोई मुश्किल मक़ाम आया ज़रा तक़दीर की गहराइयों में डूब…
हम मश्रिक़ के मुसलमानों का दिल
हम मश्रिक़ के मुसलमानों का दिल हम मशरिक़ के मुसलमानों का दिल मग़रिब में जा अटका है वहाँ कुंतर सब बिल्लोरी है, यहाँ एक पुराना…
ख़िरदमंदों से क्या पूछूँ कि मेरी इब्तिदा क्या है
ख़िरदमंदों से क्या पूछूँ कि मेरी इब्तिदा क्या है ख़िरदमन्दोंसे क्या पूछूँ कि मेरी इब्तिदा क्या है कि मैं इस फ़िक्र में रहता हूँ मेरी इंतिहा क्या…