अक़्ल ने एक दिन ये दिल

अक़्ल ने एक दिन ये दिल से कहा
अक़्ल ने एक दिन ये दिल से कहा
भूले-भटके की रहनुमा हूँ मैं
दिल ने सुनकर कहा-ये सब सच है
पर मुझे भी तो देख क्या हूँ मैं
राज़े-हस्ती को तू समझती है
और आँखों से देखता हूँ मैं
 
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